शाकी और शराब
आज हलाहल पी लु शाकी, फिर ना मिलेगी हाथो की रस प्याला. चढ़ने लगी घर - घर में यौवन की रस धारा. पहले तुझे मैं चख लु मोहशीन. फिर सजेगी जिवन की यस धारा. रोज चढ़ा पहले ये खुदा से तुझको, रंगती मेरी मयखाना... पहले तुझे मैं चख लु मोहशीन. #अवध🍈🍂