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Showing posts from October, 2016

Miscellanious

अंदाज उनकी कयामत रहा साकी, मेरे दिल की अवाज लियाक़त रही साकी. सांसों में कौंधती रही तेरी सबनमी एहसास . मैं और ये रात अंधेरे में ढुढंती तेरी आवाज, सनम मेरी दिलकश गुमनामी अंदाज, मेरे महबूब ये दिलकशी अंजाम, रुहो से हो गये जुदा , तेरी दिल और सबनमी अंदाज . जरा गौर कर दिल की बारगी पर. मेरे लफ़्ज तेरी आवाज, यनम मेरी दिलकश गुमनामी अंदाज. मेरे महबूब ये दिलकशी अंदाज, #अवध 🌠

मोहब्बत

तलाश करु तुमको कोई मिल जायेगा . मेरी लफ़्ज पर कोई मिल जायेगा . कह ना सका तुमको दिल की बात, मैरी मोहब्बत  केहकरा रह गया, #अवध 

इजहार

दिल पर हजार बंदिशे कैसे करू इजहार तुमसे. ना मिल सकता शहर की चौक पर, लाखो खङे दिल के अरमान पर खंजरे कैसे करु इजाहार -ऐ- मोहब्बते, #अवध 

आँखें

कहना चाहती कुछ वो गुमनाम आँखे, कह ना पाई दिल की हसरत वो बदनाम आंखें , देखती रही दुनिया की रस्म रिवाजे, कह ना पाई दिल की हाल ये आँखें , #अवध 

अश्क

ना बहाया कर अशको से आशु, ये मोती मेरे मोहब्बत के, इन्हें ना जाया कर अपनी आंखों से. काफी मुददतो के बाद द्खी हंसी तेरे आँखो पर. #अवध 

देश प्रेम

जन्म लिया धरती पर  मेरा मजहब  मजहब बताया सबने, बताया ये हिंदू मूश्लिम ये बंदे, बताई मेरी जात ये ब्राहमण ये कुर्मी  ये चमार, ना बताई मेरी राष्ट्रीयता, ना बताया मेरा देश, टुटेजा रहा ये देश जातियता की बंधन में, कैसा ये देश, ना मेरी जाति ना मेरा कौम, भारतिय हुं भारतिय यही मेरा वेश, #अवध 

इजाजत

कफन सिला रहा तेरे याद में साहिल. रुकसती करीब मेरे मौत की  अवध, बंजर जमीन पर लगा रहा पौधा उम्मीद का. ये कैसी परछाई से दिल्लगी साहिल, #अवध 

जिंदगी

सोचा जिंदगी को कागजी कर दु. हर लम्हो को आवारगी कर दु, कोई पुछत नही मेरे दर्द को, हर पन्ने पर इसका रंग दे दु, सोचा जिंदगी को कागजी कर दु, तुम्हें  भी दर्द होगा जब पढ़ोगे जज्बात कागज पर. कोई पुछती नही मेरे दर्द को, हर पन्ने को इसका रंग दे दु, #अवध 

शाकी और शराब

मलिन हुआ मुख मेरा साकी. चल लाऊ उठा के मध प्याला . कही पङी अंगुर लता हैं, मन भाव में मिश्रीत  मधुशाला. धीरे - धीरे पिला दुं साकी. कही यौवन ना बिताने जायेगा. अंगुर की प्रेम व्यथा पर. मन भाव मे मिश्रीत मधुशाला, #अवध 

आंखें

कह गये दिल के जख्म सारे, होंठ ना हिले एकबार आपके. कयां  बात रही जनाब आंखों  की आपके. सब कुछ कह दिया आपने. #अवध 🔗

मदहोश

तेरी आखें मदहोश करती हैं. जब दिखती हो नजर में. प़य़ाले में सराबोर लगती  हो. ये तेरे होंठो की हसीन रंगत.  पयाले की शराब लगती हैं. तेरे दाम  से सरकती पललू. कितनो के दिल बेताब करती  हैं ए हसीन रातो की दिलनशी. अपनी जुलफे ना झटकारना. तुम तो ाशिकौ का बयार लगती हौ.

शाकी और शराब

अंगुर  भर लाय़ा आज शाकी शराब मे.. थोङी सी तेरी होठौ की लाली काजल बहार के. फुलो  फी रस धार बन भौरा मंडराऊ में. जीवन कि तुम प्याश वो शाकी उम़़र भर मंडराऊ में. #अवध

Miscellanious.

Raat Vo Prachand Se. Mehbbob Vo Ghamand Gali Gaki Ishq Ki Mele Jo Saji. Lahara - Lahara Ke Dupaata Vo Yovan Behka Rahi. Peachand Ishq Ghamand Si. Ankhon Se Bahala Rahi. Tapak Rahi Hoto Se Lali Ishq Ki. Lahara Lahara Ke Duppata Vo Yovan Lehara Rahi. #awADH

Garibi ki inteha

Roti Ki Tukade Aise Garib K Liye Chand Ho Jaise. Na Yovan Bhaye Chandani Raat Ki. Pet Mein Lagi Ho Aag Bhook Ki.. Koi Keh Diye Vo Khuda Nhi Jispar Saje Chandani. Khuda To Bhukhado Ka langar Hai. Jahan Mitati Bhook Badan Ki Aag Ki. #@w@dh.

दोशती

ए दोशत तेरी दोशती पे निसार हो ज्ञाऊ. हर सितम मिटा दू तेरे उलफत के. आज तेरी उदाश जिंदगी में रंग घोल दु. जला दु हर जर्ररे में समा तेरे नाम का. अवध

आँखें

मेरी आंखे कहती बहुत कुछ कोई सुनने वाला नहीं . वो कुछ नही कहती गम के हालात अपनें . कैसे मेरा दिल सुन लेता हैं उसकी. कोई तो कमी ठहरी इस मोहब्बत की. #अवध 😣

मुलाकात

तुम्हें याद नही अपनी पहली मुलाकात का. वो शाम वो दरिया वो अमीना बाजार का. वो बांहें वो आंचल पल्लु का उङ जाना तेरा. वो शर्द राते लखनऊ की अमीना बाजार का. #अवध 💏

दर्द

मेरे दर्द का ना कोई इलाज  हैं, जो हैं मेरे जेहन में वो तेरा प्यार हैं, तबाह हुं ना चैन हैं,ना आराम  हैं, मेरे दर्द का ना कोई ईलाज हैं, #अवध😢

इंतज़ार

कही यह इंतजार ना इंतजार ना रह जाए. तेरे अाने से पहले मेरी रुह निकल जाए. बस इतना समझ लेना मैं जी रहा तेरी याद में. कहीं मेरी सांस ना छुट जाए. #अवध 💗

जिंदगी

मेरी जिंदगी  कही खो सी गई. ना चैन ना उमंग ना दिल्लगी रह गई, रग गया प्यासा तेरी मोहब्बत में, खुदा को तुझसे मोहब्बत  हो गई. #अवध 😃

शराब

कौन कहता शराब में नशा हैं. इस से ज्यादा नशीली तो मेरी वफा हैं. कही डुब ना जाऊँ तेरी आँखों की तलैया में. थाम लो साकी हमें अपनी बाहों में. #अवध 

मजहब

कोई कौम नहीं मेरी ना कोई मजहब मेरा. ना मेरा रसुक तेरी इबादतो की चौखट पर. ना पिर की मजार की चादर  ना मंदिर का दिया. वो शख़्स हुं ,अपने मुल्क का  जहाँ रौशन मुल्क  की जियारत. #अवध⛺

दर्द

मेरी दर्द बेजुबान हो गई. तेरी मुश्कराहट की रेह पर. सारी सितम सनम हो गई. वो तेरी मोहब्बत की एहसास  में. #अवध👐

इजहार

कयां  करु इजहार  मैं, कयां करु करम -ए- मोहब्बत . लगती दुरीया जैंसे जन्मों की संगत. वो मुश्कान वो कमसिन अदा. दुरीयां में होती रही मोहब्बत इजहार . #अवध 💃

अश्क

वो बहकी  हुई आंशु मचली  तेरी आंखों  से. लगता रंग सारी जिंदगी  की  बह चली निगाहों से. वो रुस्तम वह नरगिस  वो होंठों  की रंजीश . ठिठकती मोहब्बत  ये तेरो  आँखों  की मजलिस . #अवध 💋

मुलाकात

मेरे महबूब मुलाकातो का दौर अब मुकम्मल ना रहा. इस तंहाई की बिरहन में जीना मुकम्मल ना रहा. लौट आ खुदगर्ज अपने आशीफ की सुनी महफिल में, दिये जला रहा तेरी नाम की  सुनी महफिल में, #अवध 

Mohabbat

Akksar udas rehti mohabbat ki vo chingari. Lagata hi vo bhi udas hamdam ki ruswai. Use bhi meri mohabbat ki tanhai ne ghera. Tabah ho gye mehboob qayamat thi judai. #@W@DH