दिवानगी
वो सरपट भागते रास्ते,
तेरे गली से होकर जो हम निकलते.
कभी टुटा मेरा दिल का गुलिस्ताँ यहाँ .
अाज सजी बगिया दिल की मोहब्बत का यहाँ ...१
तुम तो अंजान थे, या मेरी मोहब्बत से नागानां थे.
खिली मोहब्बत एकतरफा बाग, तुम ठहरी मोहब्बत से नादान .
प्यार की वफा का मैं मुसतफ़ा रह गया.
आज सजी बगिया दिल की मोहब्बत का यहां...२
#अवध
तेरे गली से होकर जो हम निकलते.
कभी टुटा मेरा दिल का गुलिस्ताँ यहाँ .
अाज सजी बगिया दिल की मोहब्बत का यहाँ ...१
तुम तो अंजान थे, या मेरी मोहब्बत से नागानां थे.
खिली मोहब्बत एकतरफा बाग, तुम ठहरी मोहब्बत से नादान .
प्यार की वफा का मैं मुसतफ़ा रह गया.
आज सजी बगिया दिल की मोहब्बत का यहां...२
#अवध
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