दोशती
न भुलाने वाली दास्तान हैं.
ए दोश्त तेरे साथ की.
तुम्हीं मेरे खजाने बरबस.
मेरी जिंदगी का साथ सही,
कहाँ गुम हुए क्षितिज में खोकर.
लम्हा लम्हा गुमनाम रही.
मेरे दिल की तुम जागीर ,
मेरी जिंदगी का साथ सही.
#अवध 🌀
ए दोश्त तेरे साथ की.
तुम्हीं मेरे खजाने बरबस.
मेरी जिंदगी का साथ सही,
कहाँ गुम हुए क्षितिज में खोकर.
लम्हा लम्हा गुमनाम रही.
मेरे दिल की तुम जागीर ,
मेरी जिंदगी का साथ सही.
#अवध 🌀
Comments
Post a Comment