देश प्रेम
कितनी सस्ती देखो यहां लश्कर की जिंदगी . मिलती मौत पर बेरुखी कैसी. वादे का होता है, मौत अकसर . केसे बिती तेरे बेवा की जिंदगी .....१ वादे तेरे वादे रहे सरकार की कहकही. मिलती लस्कर को बेरुखी कि जिंदगी . मरना कयां देश पर यहाँ तो कुरबानी जिंदगी . कैसे बिकती तेरे बेवाकीज़ुमेब की जिंदगी .....२ #अवध ↩