मुलाक़ात

एक मुलाकातों  का दौर जारी है. 
हमारी  मंज़िलों की उड़ान कहीं बाकी  हो, 
तुम ना  ये समझ लेना हम भूल चुके है ,
ये मुलाकातों का दौर अभी बाकि है. 

मुझे मिलने की तेरी कोई ख्वाहिश  हो. 
आज आधी अधूरी फरमाइश हो ,
देखो हम टूट चुके है, नज़रो का दौर जारी है. 
ये मुलाकातों का दौर अभी बाकि है. 

देखो हम मिले नहीं  लगता है , लगता है 
इस आने वाले मौसमो की कोई नयी  फरमाइश है. 
दिल लगाने  वलेसोचता क्या है. 
ये मुलकातो  अभी बको है. 

अवधेश कुमार राय  "अवध "



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