शराब

बुझी - बुझी जल उठती है.
मयखाने में दिल की हाला.
साकी कह दुं मन की बाते.
यौवन की दिल बहकी बाला.

जल उठी हो अमावश में भी.
रौशनी बन दिल की हाला.
छलकी बन अंगूरी राते.
मदहोशी बन साकी बाला.

#अवध
Add captionAwadhesh Kumar Rai 

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