उङान

पर कतरने लगे आजकल.
हौंसलो की मेरी.
मेरी जीवन से जुङी .
एहसासो की मेरी.

सिद्दत से चाहत हैं.
बवलंदियो को हम.
शिकवा नहीं  राहों में
फिसल जाने की.

ये जो टुटे कल्पुर्जे हैं,
मेरी जीवन  के.
दम भरती मेरे  हौंसले में.
फिर उङान भरनी हैं,

इस निली संहमरमर आसमां  में.
जो सजाएँ  हम सपनों  में.
शिकवा नहीं  राहों  में.
फिसल जाने की.

#अवध 

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